Tuesday 14 February 2017

प्यार का पैगाम

दो अक्षर प्यार के कह दे तू,
आधा मैं भी कह जाऊंगा!
तू यार बना ले मुझ को बस,
"प" से खुद ही जुड़ जाऊंगा!!
           एक दिन में प्यार करूँ कैसे,
           जीवन भी कम पड़ जाता है!
           पल भर भी एहसास में आये तू,
           दिल उठता है, थम जाता है!!
तेरी बिना रजा के मैं,
खुद इकरार करूँ कैसे?
एक बार इशारा तो कर दे,
उस साँस में सब कह जाऊंगा!!
               एक बार अगर तू हाँ कह दे,
               तेरे नख़रे सारे झेलुँगा!
               ख़ुशियाँ भर के दामन में तेरे,
               तेरे दुःख मैं सारे ले लूँगा !!
इस जीवन में अगर तू मिल जाए,
शायद मोक्ष मिले मुझको!
गर साथ न तेरा मिल पाया,
एक और जन्म ले आऊंगा!!
               शायद मेरे नसीब में भी,
               इतना सुख तो लिखा होगा!
               मेरी आँखें बनाते हुए उसे,
               तेरा चेहरा भी तो दिखा होगा!!
बस इतना भर कह दे मुझसे,
तेरा दिल मिलने को करता है!
ख़ुदा ख़ुद भी मुझे लेने आया, तो,
उससे भी मैं लड़ जाऊंगा!!