Tuesday 25 July 2017

आचार्य वंदन

हे गुरुदेव! है नमन आपको,
आप इसे स्वीकार करें।
कृपादृष्टि सदा रखें मुझ पर,
बस इतना उपकार करें।।

कीचड में से कमल के जैसा,
खिला दिया है आपने मुझको।
रखें सदा मुझे अपनी शरण में,
और मेरा उद्धार करें।।

चरण कमल जहाँ पड़ें आपके,
वो रज अमृत हो जाए।
जिन शिष्यों को शरण में ले लो,
जीवन जागृत हो जाए।।

कैसे शुक्रिया करूँ आपका,
दिल में मुझे यूँ बिठा लिया।
 इतना प्यार दिया मुझको,
प्यारा सा रिश्ता बना लिया।।

नए वर्ष की और चलें हैं,
नए लोग नई बातें होंगी।
पर जो गुजरी संग आपके,
कहाँ वो दिन कहाँ रातें होंगी।।

दिया आपने इतना मुझको,
कैसे कर्ज़ चुकाऊं मैं।
गुरुदक्षिणा में आपको क्या दूँ,
 बस वंदन बारम्बार करूँ।।

गुरुदेव! जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!